‘पहली रोटी गउमाता के लिए’ हिंदू समाज में युगों से चली आ रही श्रद्धामयी इस परम्परा को पुनर्जीवित करते हुए गोभक्तों की धार्मिक आस्था को सम्मान देने के लिए यह योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत गौशाला का वाहन (रिक्शा) घर-घर जाता है और वहां से रोटी, आटा आदि जैसे खाद्य पदार्थ संग्रह करता है। संग्रहित सारी सामग्री सायं तक गउशाला पहुंचा दिया जाता है।
इस समय गो ग्रास योजना में 55 रिक्शे कार्यरत हैं। जिनसे लगभग 3500 किलो रोटी व अन्य खाद्य पदार्थ प्रतिदिन गउ माता को सुलभ होता है।
इस योजना के लिए स्थानीय स्तर पर गो ग्रास समिति गठित की जाती है। यह समिति ही वाहन बनाने का खर्च व वाहन चालक के परिश्रमिक की व्यवस्था करती है।
गो सेवा को जन-जन से जोड़ने के लिए श्रीकृष्ण गउशाला ने गो चिकित्सा सेवा योजना को शुरू किया है। इस योजना के अंतर्गत गो भक्तों को 500 रुपये का मासिक सदस्य बनाया जाता है। सदस्य राशि एक महीने की या कई महीने की एक साथ दे सकता है। इस राशि का उपयोग गउ माता के चिकित्सा सेवा में किया जाता है। इस योजना की मासिक राशि गो भक्तों के घर या कार्यालय से संग्रह करने की व्यवस्था है।
गो भक्तों की प्रतिदिन गउ माता के लिए कुछ राशि अर्पित करने की इच्छा को पूरा करने के लिए यह योजना चलाई गई है। गउ माता की धातु से निर्मित अत्यन्त आकर्षक मूर्ति को गोलक पेटी का स्वरूप दिया गया है। गोभक्त यह मूर्ति गउशाला से सशुल्क प्राप्त कर अपने घर या कार्यालय में रख सकते है। और अपनी सुविधानुसार कभी किसी भी समय इस पेटी में राशि डाल सकते है।
गुल्लक पेटी भर जाने पर गोभक्त स्वयं इसे गउशाला पहुंचा कर इस की रसीद प्राप्त कर सकता है या गउशाला को पफोन कर वहां से सेवक को बुलाकर इसे खुलवाकर रसीद प्राप्त कर सकता है इस योजनाओं में समर्पित राशि से गउमाता को उल्लेखनीय सहयोग प्राप्त होता है।